मांगलिक कार्य : देवशयनी एकादशी के बाद मांगलिक कार्यों पर लगेगी राेक
देवशयनी एकादशी के साथ सारे मांगलिक कार्यों पर 20 जुलाई से प्रतिबंध लग जाएगा। इससे ठीक पहले 18 जुलाई को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भड़लो नवमी मनाई जाएगी। गुप्त नवरात्रि के समापन और देवशयनी की शुरुआत से पहले का यह आखिरी मुहूर्त है। अबू मुहूर्त होने की वजह से पूरे दिन किसी भी वक्त विवाह किया जा सकता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज कुमार मिश्र ने बताया कि जुलाई में विवाह का आखिरी मुहूर्त तीन तारीख को था। 18 तारीख को पड़ रही भड़ली नवमी एक अबूझ मुहर्त है। इसमें कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नवमी तिथि शुभ मानी गई है।
शिवजी की पूजा के लिए सावन का महीना खास माना जाता है। इस बार सावन 25 जुलाई से शुरू हो रहा है। हालांकि, इससे पहले भी आषाढ़ महीने के कृष्णपक्ष के आखिरी 3 दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए खास रहेंगे । इन दिनों में प्रदोष, शिवरात्रि और अमावस्या का संयोग बन रहा है।
25 से शुरू होगा सावन
शिवजी की पूजा के लिए सावन का महीना खास माना जाता है। इस बार सावन 25 जुलाई से शुरू हो रहा है। हालांकि, इससे पहले भी आषाढ़ महीने के कृष्णपक्ष के आखिरी 3 दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए खास रहेंगे । इन दिनों में प्रदोष, शिवरात्रि और अमावस्या का संयोग बन रहा है।
2021 में अब इतने ही मुहूर्त
18 जुलाई 20 जुलाई से चार महीने का चातुर्मास नवंबर में पहला मुहूर्त 20 को फिर 21, 28 और 30 तारीख को। 1, 7, 11, 13 दिसंबर। बाद इसके मलमास लगने की वजह से मांगलिक कार्य प्रतिबंधित हो जाएंगे। यानी 2021 के 10 विवाह मुहूर्त ही अब शेष हैं। जनवरी में 22, 23 तारीख को दो मुहूर्त रहेंगे। इस मध्य में 6 से 12 जनवरी तक शुक्र अस्त रहने से मंगल कार्य नहीं होंगे। फरवरी में 5, 6, 10 और 18 तारीख को शुभ मुहूर्त है। 24 फरवरी को गुरु अस्त हो जाएगा।