विक्रमशिला सेतु की हालत खराब.. पर खतरनाक गड्ढे, सड़क जगह-जगह पर टूटा.. मरम्मत नहीं

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विक्रमशिला सेतु की हालत खराब
नवगछिया : एक बार फिर से काेसी व पूर्व बिहार की लाइफलाइन कहे जाने वाले विक्रमशिला सेतु की हालत खराब हाे गई है। एक बार फिर पुल पुरानी स्थिति में जाने लगी है। अगर अभी इसकी मरम्मत नहीं की गई ताे अागे इसकी स्थिति बेहद खराब हाे जाएगी। कारण यह है कि मानसून अाने काे है, बारिश हाेने पर पुल की सड़क के गड्ढे अाैर बड़े हाे जाएंगे अाैर इससे गुजरना मुश्किल हाे जाएगा। अभी हालत यह है कि पुल की सड़क जगह-जगह पर टूट गई है। गिट्टी-अलकतरे की परत ऊखड़ गई है। एक्सपेंशन ज्वाइंट के पास ही खतरनाक गड्ढे बन गए हैं। रैलिंग टूट गई है। चेंबर के ढक्कन भी क्षतिग्रस्त हाे गए हैं। इससे अक्सर दुर्घटना की अाशंका बनी रहती है। इसके साथ ही भारी वाहन अक्सर खराब हाे जाते हैं। इससे जाम की भी स्थिति बनने लगी है। लेकिन इसकी अाेर पुल निर्माण निगम का काेई ध्यान नहीं है।

पुल निर्माण निगम के सीनियर प्राेजेक्ट इंजीनियर रामसुरेश दुबे के मुताबिक सड़क पर गड्ढे नहीं हैं। उन्हाेंने बताया कि केवल गिट्टी अाैर अलकतरे की परत कुछ जगहाें पर ऊखड़ी है। फिलहाल इसकी मरम्मत की काेई याेजना नहीं है। हालांकि उन्हाेंने बताया कि लाॅकडाउन खत्म हाेने के बाद देखते हैं, हाेगा ताे उसे ठीक कराने की दिशा में पहल करेंगे।

14 कराेड़ से पुल की हुई थी मरम्मत

करीब साढ़े तीन साल पहले करीब 14 कराेड़ से पुल की मरम्मत हुई थी। उस वक्त वीयरिंग व एक्सपेंशन ज्वाइंट बदले गए। क्षतिग्रस्त रैलिंग काे दुरुस्त किया गया। सड़क बनाई गई थी। लेकिन इसके बाद ठीक से देखरेख नहीं की गई, नतीजा, पुल की सड़क जर्जर हाेने लगी है। अाशंका है कि लाॅकडाउन के बाद पुल पर भारी वाहनाें का दबाव अाैर बढ़ेगा, इससे टूटी सड़क से गुजरने पर उसमें खराबी अाएगी अाैर भीषण जाम लग सकता है। इसलिए जरूरत है कि अभी ही इसे दुरुस्त कर लिया जाए। कारण यह भी है कि बरसात का माैसम अा जाने के बाद इस दिशा में काम नहीं हाे सकेगा।

ओवरलोड वाहनाें के बढ़े दबाव से टूट रही है पुल की सड़क

पुल की सड़क की एेसी स्थिति बनने के पीछे का मुख्य कारण अाेवरलाेड वाहनाें का गुजरना है। साथ ही इससे बालू लदे ट्रैक्टर काफी संख्या में गुजरते हैं। ट्रैक्टर काे ढंका नहीं जाता है। इससे पुल की सड़क पर बालू की परत जमा हाेने लगी अाैर वाहनाें के गुजरने से सड़क की स्थिति खराब हाेने लगी। साथ ही 15 माह से काेराेनाकाल की वजह से इस इधर न पुल निर्माण निगम अाैर न ही प्रशासन का ध्यान गया। न अाेवरलाेड वाहनाें अाैर न ही बालू लदे वाहनाें पर कार्रवाई करने की दिशा में काेई ठाेस पहल की जा सकी। खुलेअाम वाहन गुजरते रहे। हालांकि करीब 20 दिन पहले डीएम ने धावा दल गठित किया। इसके बाद जिले में मिर्जाचाैकी के रास्ते घुसनेवाले अाेवरलाेडेड वाहनाें पर ताे काफी हद तक लगाम लगा। लेकिन बाकी इलाकाें से पुल हाेकर अाेवरलाेडेड भारी वाहनाें के गुजरने का सिलसिला जारी है। लेकिन इस दिशा में पुलिस व प्रशासन के स्तर पर काेई पहल नहीं की जा रही है।

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