बिहार में अब अनाथ बच्चों को खोजेंगी सेविका, हर बच्चे पर दिये जायेंगे 50 रुपये

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बिहार में अब अनाथ बच्चों को खोजेंगी सेविका
बिहार में अब अनाथ बच्चों को खोजेंगी सेविका

बिहार में अब अनाथ बच्चों को खोजेंगी सेविका

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिशा-निर्देश पर कोरोना महामारी में अनाथ हुए 0- 18 साल के बच्चों को बाल सहायता योजना से जोड़ा जा रहा है. योजना के तहत सभी अनाथ बच्चों को प्रति माह 1500 रुपया दिया जायेगा और अनुदान के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा प्रदान किया जायेगा.

इसको लेकर समाज कल्याण विभाग ने एक गाइडलाइन जारी की है, जिसके मुताबिक अब आंगनबाड़ी सेविका भी इस योजना से जोड़ा गया है और जो सेविका ऐसे अनाथ बच्चों की खोज करेगी, उसे प्रोत्साहन राशि के रूप में प्रति बच्चा 50 रुपया देने का प्रावधान किया गया है, ताकि कोई अनाथ बच्चा छूटे नहीं.

30 बच्चों की मिली जानकारी

कोरोना काल में अनाथ होने वाले बच्चों की संख्या अभी तक विभाग के पास लगभग 30 पहुंच गयी है. वहीं, कई आवेदन कोई रदद किया गया है. योजना लागू होने के बाद इसमें गलत ढंग से आवेदन करने वालों को जांच के बाद हटाया जा रहा है. इन सही अनाथ हुए बच्चों को अगले माह से योजना का लाभ मिलने लगेगा. قواعد لعب البوكر

बाल सहायता योजना से जोड़ा जा रहा

कोरोना के कारण अनाथ एवं बेसहारा हुए 0 से 18 साल के बच्चे, जिनके माता पिता दोनों की मृत्यु हो गयी हो और इसमें कम से कम एक की मृत्यु कोरोना से हुई हो. वैसे बच्चों को योजना से जोड़ा जायेगा. योजना के तहत 18 वर्ष की आयु तक प्रति माह 1500 दिया जायेगा. योजना का लाभ प्रति माह लाभुकों एवं पालन करने वाले परिवार के नाम से संयुक्त रूप से खाले गये बचत खाता में भेजा जायेगा. بينجو العاب

अगर किसी बच्चे को कोई पालने या रखने वाला नहीं होगा, तो उस स्थिति में अनाथ बच्चों की देख-रेख एवं उनका संरक्षण राज्य सरकार करेगी. योजना के तहत योग्य बच्चियों का नामांकन कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में प्राथमिकता के आधार पर होगा.

ऐसे कर सकते हैं आवेदन

योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन सहायक निदेश, जिला बाल संरक्षण इकाई के कार्यालय, समेकित बाल विकास परियोजना के कार्यालय, आंगनबाड़ी केंद्रों से मुफ्त उपलब्ध है. इस आवेदन को भरकर आंगनबाड़ी सेविका को देना होगा.

समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार ने कहा कि योजना का लाभ देने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. चयनित अनाथ बच्चों को राशि देना शुरू किया गया है. विभाग की ओर से इसके लिए एक गाइडलाइन जारी किया गया और आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी फार्म मौजूद है. مراهنات سباق الخيل

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