भागलपुर : करो-ना रह रह कर रुला रहा है जवानी में बुढ़ापे वाला रोग दे रहा कोरोना वायरस

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नवगछिया अनुमंडल में कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा प्रभाव
नवगछिया अनुमंडल में कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा प्रभाव

भागलपुर : करो-ना रह रह कर रुला रहा है जवानी में बुढ़ापे वाला रोग दे रहा कोरोना वायरस

भागलपुर : कोरोना के वायरस से मुक्त हो रहे युवाओं को जवानी में बुढ़ापे वाली बीमारी के लक्षण मिल रहे हैं। कोरोना के जंगबाजों में न केवल भूलने वाली बीमारी मिल रही है, बल्कि चिड़चिड़ापन और नई चीजों को समझने में भी उन्हें दिक्कत हो रही है। कोरोना की दूसरी लहर में इस तरह की समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है।

मायागंज अस्पताल के मानसिक रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार भगत ने बताया कि कोरोना संक्रमणमुक्त हो चुके 40 साल से अधिक लोगों में इस तरह की समस्या ज्यादा देखी जा रही है। इसे पोस्ट कोविड हाइपॉक्सिया ब्रेन इंज्यूरी कहा जाता है। अस्पताल में इस तरह के मरीजों की समस्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। कोरोना से मुक्त हो चुके 40 साल से अधिक उम्र के लोगों में जहां हर 10वें मरीज को ऐसी बीमारी हो रही है तो 25 से 40 साल के उम्र के ऐसे लोग जो हाल में ही कोरोना से मुक्त हुए हैं, वैसे पांच प्रतिशत लोगों में पोस्ट कोविड हाइपॉक्सिया ब्रेन इंज्यूरी के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। आईसीयू में कोरोना का इलाज करा चुके 25 प्रतिशत लोगों में ये समस्या देखने को मिल रही है।

दिमाग पर असर डालता है हाइपॉक्सिया

मनोरोग विभाग के मनोरोग चिकित्सक डॉ. पंकज कुमार मनस्वी कहते हैं कि जिन संक्रमितों के शरीर में इलाज के दौरान ऑक्सीजन की कमी हुई थी, उनके दिमाग पर हाइपॉक्सिया का ज्यादा असर देखने को मिला। हाइपॉक्सिया ब्रेन इंज्यूरी के कारण कोरोना संक्रमितों के ब्रेन के न्यूरल नेटवर्क में गड़बड़ी आ जाती है। इसका सबसे ज्यादा असर पोस्ट कोविड मरीजों की एकाग्रता पर पड़ रहा है। एकाग्रता की कमी के कारण लोग भूलने लगे हैं। उन्हें अपनी याद्दाश्त में कमी का एहसास हो रहा है। बीमारी में दिमाग के सूचना संचार की तंत्रिकाएं बिगड़ जाती हैं। इलेक्ट्रॉनिक और केमिकल इंपल्शन में सर्किट गड़बड़ा रहा है। इससे दिमाग की तंत्रिकाओं को सही सूचना नहीं मिल पाती है।

न्यूरो कॉग्निटिव के मिल रहे लक्षण

मायागंज अस्पताल के मनोरोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कुमार गौरव कहते हैं कि कोरोना के कारण दिमाग में सूचना की प्रक्रिया में गड़बड़ी की समस्या हो रही है। इसे पोस्ट कोविड न्यूरो कॉग्निटिव कहते हैं। इससे ध्यान लगााने में दिक्कत, याद्दाश्त में कमी, किसी चीज को समझने में परेशानी व चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। इसके मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। ऐसे मरीज अक्सर भूल जाने की समस्या को लेकर ओपीडी में इलाज के लिए आ रहे हैं।

ये लक्षण दिखे तो तत्काल मनोरोग के डॉक्टर को दिखाएं

– याद्दाश्त में कमी, ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत

– चीजों को समझने और सीखने में परेशानी होना

– चिड़चिड़ापन और काम में मन नहीं लगना

– जल्दी थक जाना, भ्रम की स्थिति में रहना, जल्दी निर्णय नहीं ले पाना

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