भागलपुर का दस क्विंटल आम भागलपुर से लखनऊ – नयी दिल्ली के रास्ते लंदन
राज्य ने कृषि उत्पादों के निर्यात के क्षेत्र में एक और उपलब्धि हासिल कर ली़ मुजफ्फरपुर की शाही लीची की तरह भागलपुर का जर्दालु आम का स्वाद इंग्लैंड के लोग चखेंगे. सोमवार को कृषि विभाग तथा कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के संयुक्त प्रयास से भागलपुर का जर्दालु आम लंदन निर्यात किया गया़ दस क्विंटल आम भागलपुर से लखनऊ – नयी दिल्ली के रास्ते लंदन पहुंचेगा़
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने हरी झंडी दिखाकर जर्दालु आम को बिहार से लंदन के लिए रवाना किया़ कृषि मंत्री ने बताया कि बिहार में जर्दालु आम का कुल उत्पादन 10 हजार मीटरिक टन है़ इसकी बागवानी भागलपुर, बांका और मुंगेर में बड़े पैमाने पर हो रही है़ मुख्य क्षेत्र भागलपुर है़ यहां करीब 1200 हेक्टेयर में बाग है़
बांका और मुंगेर में भी इसका क्षेत्रफल बढ़ रहा है़ वर्तमान में इन दोनों जिलाें में करीब 700 हेक्टेयर में जर्दालु आम के बाग है़ं जर्दालु आम के एक पेड़ से औसतन 1500–2000 फल मिलते है़ं प्रति हेक्टेयर 12-15 टन आम निकलता है़
तागेपुर गांव में संरक्षित है 200 साल पुराना मातृ वृक्ष
कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह बताते हैं कि सबसे पहला जर्दालु आम का पौधा भागलपुर क्षेत्र में महाराजा खड़गपुर हवेली के रहमत अली खान बहादुर द्वारा 1810 से 1820 ई के बीच लगाया गया था़ स्थानीय लोग इसे पहला वृक्ष, अथवा मातृ वृक्ष कहते है़ं दो शताब्दी से तागेपुर गांव में यह संरक्षित है़
प्रखंडों में बनेंगी आधुनिक सुविधाओं वाली सब्जी मंडी
कंफेड अपनी दुग्ध समितियों को जिस तरह की सुविधाएं दे रही है, बेजफेड उससे अधिक सुविधा सब्जी उत्पादक संघ को देने की तैयारी में जुट गया है़ सहकारिता से विकास का सपना साकार करने के लिए सभी प्रखंडों अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस सब्जी मंडी का निर्माण करा रहा है़ दस हजार वर्ग मीटर में विकसित इस मंडी में आम सब्जी उपभोक्ताओं के लिए भी आउटलेट होगा़ अत्याधुनिक सुविधा वाली इस मंडी को सब्जी उत्पादक संघ के सदस्य किसानों की समिति संचालित करेगी़